बलौदाबाजार : स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा सारंगढ़ -बिलाईगढ़ सहित 4 नए जिले के गठन किए जाने की घोषणा से क्षेत्र में अपार खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है। लोगों ने जगह-जगह आतिशबाजी कर अपनी खुशी का इजहार किए। लोगों ने कहा कि आज उन्हें आजादी का जश्न मनाने के साथ-साथ नए जिले का भी जश्न मनाने का अवसर मिल गया। लोग स्वतंत्रता दिवस के साथ-साथ नए जिले के गठन की भी बधाई देने लगे। वर्षों पुरानी मुरादें पूरी होने से लोगों के चेहरे पर खुशी झलक रही थी। सरसीवां क्षेत्र के लोगों ने बस स्टैंड, सरायपाली चौक, पेंड्रावन चौक में आतिशबाजी कर अपनी खुशी का इजहार किये। लोगों को मिठाई बांटकर एक दूसरे को बधाई दिए।
ग्राम पंचायत सरसीवां के युवा सरपंच नीतीश बंजारे ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि बिलाईगढ़ विकासखंड अनुसूचित जाति-जनजाति बाहुल्य क्षेत्र है। बलौदाबाजार जिले के अंतिम छोर पर बसे होने के कारण से यह क्षेत्र अति पिछड़ा माना जाता रहा है। सारंगढ़ को जिला बनाए जाने की बहुप्रतीक्षित मांग रही है। छत्तीसगढ़िया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर सारंगढ़-बिलाईगढ़ को जिला बनाए जाने की घोषणा कर लोगों की वर्षों पुरानी मुराद को पूरी कर दी है। सारंगढ़ -बिलाईगढ़ का जिला बनना किसी स्वप्न के साकार होने जैसा ही है। सारंगढ़ बिलाईगढ़ को जिला बनाये जाने में क्षेत्रीय विधायक एवं संसदीय सचिव चंद्रदेव राय तथा सारंगढ़ विधायक श्रीमती उत्तरी गनपत जांगड़े द्वारा दिए गए योगदान के प्रति आभार व्यक्त किया है। सारंगढ़ और बिलाईगढ़ के मध्य सरसीवां स्थित होने के कारण सबसे ज्यादा खुशी इस क्षेत्र के लोगों को हो रही है। दूरी इतनी कम हो गई है कि यहां से लोग अब पैदल भी अपनी जिला मुख्यालय तक जा सकते हैं।
जनपद पंचायत बिलाईगढ़ उपाध्यक्ष राजा अग्रवाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बिलाईगढ़ क्षेत्र के लोगों को जिला संबंधी कार्यों के लिए पहले काफी परेशानी होती थी। यहां से बलोदाबाजार की दूरी 100 किलोमीटर से अधिक है और जिला मुख्यालय तक सीधी बस सेवा नहीं होने से लोगों को आने जाने में भी बड़ी असुविधा होती थी। अब सारंगढ़ बिलाईगढ़ के बीच की दूरी महज 50 किलोमीटर से भी कम रह गई है। जिला बनने से क्षेत्र के लोगों को जहां समय और पैसे की बचत होगी वहीं सरकारी कामकाज में भी तेजी आएगी। छोटा जिला बनने से विकास कार्यों में भी गति आएगी। भूपेश बघेल द्वारा जैसे ही सारंगढ़- बिलाईगढ़ को जिला बनाये जाने की घोषणा की गई पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई है। भूपेश बघेल ने ठेंठ छत्तीसगढिया होने के नाते छत्तीसगढ़ वासियों की दुख-दर्द अच्छी तरह से समझते हैं और जिला मुख्यालय से दूर होने पर क्या परेशानी होती है वे अच्छी तरह महसूस करते हैं। आज उन्होंने क्षेत्र की जनता को बहुत बड़ी सौगात दी है।
वही समाजसेवी एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गोपाल पांडेय ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि सारंगढ़ पुराना रियासत रहा है। सारंगढ़ को जिला बनाए जाने की मांग वर्षो से की जा रही थी। सारंगढ़ बिलाईगढ़ संयुक्त जिला की घोषणा किए जाने से लोगों को अपार खुशी हो रही है। सरसीवां एवं बिलाईगढ़ क्षेत्र के लोग बलौदाबाजार का सफर किसी मुसीबत से कम नहीं मानते थे। अब 15- 20 किलोमीटर की दूरी तय कर जिला मुख्यालय पहुंच जाएंगे। इससे बड़ी और सुविधा क्या हो सकती है। ग्राम चकरदा के कृषक झगेन्द्र साहू ने कहा कि नए जिले के गठन से आम जनता को भारी सहूलियत होगी। दिन में जिला मुख्यालय से वापसी भी हो पाएगी। प्रशासनिक कसावट आने से भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा और प्रशासन के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ेगा। सरकारी योजनाओं का सही रूप से क्रियान्वयन भी हो पाएगी।
सरसीवां व्यापारी संघ के अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने कहा कि छोटे जिले बनने से हर वर्ग के लोगों को फायदा होगा। व्यापारी अपना व्यवसाय बंद कर जिला संबंधी काम के लिए जाते हैं और किसी कारण से काम नहीं हुआ तो समय और पैसा दोनों बर्बाद होता है। सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला बनने से व्यापारियों को भी बड़ा लाभ मिलने वाला है।केशरवानी समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष शिवरात्रि केसरवानी ने कहा कि छोटे जिले बनने से गरीब किसान वर्ग को सीधा लाभ होगा। कलेक्टर बार-बार दौरा कर पाएंगे।सरकारी योजनाओं का सही रूप से क्रियान्वयन हो पाएगा तथा प्रशासनिक कामकाज में भी कसावट आएगी। बलौदाबाजार से सरसीवां-बिलाईगढ़ क्षेत्र इतना दूर है कि कलेक्टर साल भर में यदा-कदा ही दौरे कर पाते हैं। जिला अधिकारियों का सही समय पर दौरा नहीं होने से कामकाज एवं विकास कार्य प्रभावित होता है। जिस तरह नया राज्य गठन होने पर छत्तीसगढ़ का विकास हुआ, उम्मीद है कि नए जिले बनने के बाद क्षेत्र का भी विकास होगा।
प्रगतिशील सतनामी समाज के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष डॉ रमेश मनहर ने कहा कि यह क्षेत्र सतनामी बाहुल्य क्षेत्र है। आज भी यह क्षेत्र स्वास्थ्य और शिक्षा के मामले में काफी पिछड़ा हुआ माना जाता है। सारंगढ़-बिलाईगढ़ को जिला बनाए जाने का सीधा लाभ उनके समाज के लोगों को मिलेगा। खासकर युवा वर्गों को। क्योंकि नए जिले बनने से रोजगार के अवसर भी ज्यादा उपलब्ध होंगे। ग्राम हरदी के प्रगतिशील कृषक गोवर्धन साहू ने बताया कि बलौदा बाजार जिले का सबसे अंतिम गांव हरदी घरजरा है ।यहां से बलौदा बाजार की दूरी करीब 125 किलोमीटर पड़ती है। यहां से सीधा बलौदाबाजार के लिए कोई भी आवागमन की सुविधा नहीं है, इसलिए लोगों को कई तरह की व्यावहारिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। अब यहां से सारंगढ़ की दूरी महज 25 किलोमीटर रह गई है। लोग अब अपने निजी साधन से भी जिला मुख्यालय आ जा सकते हैं।