आकेश्वर यादव
बलरामपुर : जिले के महिला बाल विकास विभाग द्वारा राजपुर के मंडी प्रांगण में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को विधिक जानकारियां दी गई। विभाग द्वारा महिलाओं के कार्यस्थल पर उत्पीड़न अधिनियम 2013 विषय पर आयोजित इस कार्यशाला में अधिवक्ता सुनील सिंह ने जानकारी देते हुए कहा की महिलाओं के कार्यस्थल पर कार्य के दौरान लैंगिक उत्पीड़न के मामलों में वृद्धि हुई है। 2010 में बनाए गए इस विधेयक को संसद द्वारा 2013 में कानूनी रूप देने के बाद समूचे देश भर में इसे लागू किया गया है। कानून के लागू होने के बाद शासकीय कार्यालयों में काम करने वाले महिला कर्मियों के अतिरिक्त निजी क्षेत्र में भी काम करने वाले महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न को रोकने के लिए कार्यालय स्तर के अलावा उपखंड स्तरों पर कमेटियां बनाई गई है, जो महिलाओं के साथ होने वाले लैंगिक उत्पीड़न की शिकायतों का निवारण करने के लिए सशक्त हैं। उत्पीड़न के मामलों में पीड़िता के द्वारा समझौता करने की स्थिति में उभय पक्षों के मध्य ऐसी आंतरिक कमेटियां समझौता कराने को भी सशक्त हैं।
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इस अवसर पर उपस्थित जिला महिला संरक्षण अधिकारी श्रीमती सुमित्रा सिंह ने दहेज प्रतिषेध अधिनियम की जानकारी उपस्थित कार्यकर्ताओं को दी। कार्यशाला में अधिवक्ता जय गोपाल अग्रवाल व ब्लॉक कांग्रेस कमेटी राजपुर के उपाध्यक्ष बृजेश मिश्रा, महिला बाल विकास अधिकारी श्रीमती कमलावती खाखा, अमृत कुमार तिग्गा, तेज कुमार कुजूर, उषा सिंह, रीता सिंह, गीता गुप्ता, अनीता तिर्की, सुनीता मिंज, रजत लकड़ा, पुष्पा कुशवाहा के अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित रहे। वही कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन करते हुए परियोजना अधिकारी श्रीमती कमलावती खाखा ने कहा कि आज हमें जो जानकारियां दी गई हैं उससे हमें तो लाभ प्राप्त होगा ही इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को भी इन जानकारियों को बताने से महिलाएं उत्पीड़न से बच सकेंगी।