रूपेश श्रीवास
बिलाईगढ़ : कोविड 19 कोरोना संक्रमण काल मे बच्चों के पठन पाठन में हुई लर्निंग लास को कम करने एवं कक्षानुसार आवश्यक दक्षता अर्जित करने स्कूली शिक्षा विभाग एवं समग्र शिक्षा राज्य परियोजना कार्यलय रायपुर के तत्वाधान में इन दिनों विविध नवाचारी शिक्षा मॉडलो का प्रमुख उद्देश्य बच्चों में गुणात्मक विकास करना एवं गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा सभी को मिले ये सुनिश्चित करना है। शिक्षा के इन नवाचारी माध्यमो से बच्चों में शिक्षा के विविध आयामो की सफलतापूर्वक बीजारोपण किया जा रहा है। जिससे बच्चों में भाषाई दक्षता, गणितिय एवं पठन लेखन कौशल के साथ जीवन कौशलों का विकाश होने लगा है। नवाचारी शिक्षा के इसी अनुक्रम में “अंगना म शिक्षा” कार्यक्रम के अंतर्गत महिला शिक्षको को विशेष रूप से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नौनिहालो के समग्र विकास में माताओ की भूमिका को सुनिश्चित करना और उन्हें जागरूक करना है। इसी कड़ी में आज बलौदा बाजार भाटापारा जिला के अंतिम विकासखण्ड बिलाईगढ़ के प्राथमिक शालाओं में अध्य्यनरत कक्षा पहली एवं दूसरी के बच्चों की माताओ को शिक्षा से जोड़ने हेतु “अंगना म शिक्षा 2.0 कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है, इस तारतम्य में 25 मार्च 2022 को विकासखण्ड स्रोत समन्वयक कार्यलय बिलाईगढ़ के प्रशिक्षण सभा कक्ष में विकासखण्ड स्तरीय अंगना म शिक्षा 2.0 कार्यक्रम/प्रशिक्षण सफलता पुर्वक सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में उपस्थित समग्र शिक्षा विकासखण्ड स्रोत समन्वयक बी आर सी सी बिलाईगढ़ नेत राम रात्रे ने उपस्थित प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे विकासखण्ड के प्रत्येक संकुल से आये समस्त शिक्षिकाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि माताएँ बच्चों की प्रथम गुरु होती है बच्चों के शारिरिक, मानसिक एवं बौद्धिक विकास में उत्तरोत्तर उन्नति हेतु सक्रिय भूमिका माताओ की होती है।
प्रशिक्षण स्थल में पूरे विकासखण्ड के प्रत्येक संकुलों से एक एक शिक्षिकाये प्रशिक्षण प्राप्त करने पहुंची थी। जिसमें प्रमुख रूप से ब्लॉक नोडल अंगना म शिक्षा सुनीता साहू, सरोजनी साहू, गीता देवांगन, योगेस्वरी साहू, सरिता साहू, ललिता भास्कर, अरुण देवांगन, रजनी खटकर, चंपा बाई साहू, मालती रात्रे, मोंगरा देवांगन आदि शामिल है।