राजनीतिक हलचल : पहली बार नगर पंचायत चुनाव में नई शुरुआत की उम्मीद…पवनी में पहली बार निकाय चुनाव…कांग्रेस और भाजपा की तैयारी शुरू…
बिलाईगढ़ : नगर पंचायत पवनी में पहली बार होने जा रहे नगरीय निकाय चुनाव से जनता में उत्साह और राजनीतिक हलचल तेज हो गई हैं। ग्राम पंचायत से नगर पंचायत बनने के बाद भी पवनी की छवि में व्यापक सुधार नहीं हुआ है। बीते पाँच वर्षीय कार्यकाल में विकास कार्यों की धीमी गति और विवादों ने नगर की साख को प्रभावित किया है। अब जब पवनी के मतदाता पहली बार नगर पंचायत अध्यक्ष और पार्षदों का चुनाव करेंगे तो यह चुनाव जनता के लिए एक नई शुरुआत का अवसर है। मतदाताओं की बड़ी जिम्मेदारी पवनी के मतदाता इस बार सोच-समझकर ऐसा नेतृत्व चुनना चाहते हैं। जो नगर के विकास की दिशा में ठोस कदम उठा सके।बीते कार्यकाल की खामियों से सबक लेते हुए जनता ने उम्मीद जताई है कि इस बार बेहतर नेतृत्व को चुना जाएगा जो पवनी को विकास की नई ऊंचाई तक ले जाए।
दोनों पार्टियां जनता का विश्वास जीतने में लगीं : इस बार का चुनाव न केवल नगर पंचायत पवनी के भविष्य की दिशा तय करेगा। बल्कि यह भी दर्शाएगा कि जनता किस हद तक बीते कार्यकाल की खामियों को सुधारने के लिए तैयार हैं। चाहे भाजपा हो या कांग्रेस हर पार्टी पवनी की जनता का विश्वास जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। आगामी चुनाव केवल एक राजनीतिक प्रक्रिया नही बल्कि पवनी की छवि बदलने का अवसर भी है। जनता की सूझबूझ और मतदान का सही निर्णय पवनी के उज्जवल भविष्य की नींव रखेगा।
बीजेपी और कांग्रेस की तैयारियां शुरू : सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने चुनावी तैयारी शुरू कर दी है। सरसींवा और जिला मुख्यालय में बैठकें हो चुकी हैं, जिसमें संभावित उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा जनता चौक चौराहे पर कर अपनी पसंद बता रही है। पुरुष आरक्षण आने की स्थिति में नंद कुमार, लोकनाथ साहू, कुलदीपक साहू जैसे नामों पर विचार किया जा रहा है।
कांग्रेस में दावेदारों की लंबी सूची, इस बार मजबूत दावेदार : कांग्रेस के पक्ष में पवनी की सत्ता का इतिहास रहा है। इस बार भी पार्टी के पास मजबूत दावेदार हैं। इंदु पड़वार, भागवत साहू जैसे नाम प्रमुख हैं। महिला आरक्षण आने की स्थिति में मनटोरी साहू, चेतन बाई महिनांग प्रमुख दावेदार मानी जा रही है।
जनता की उम्मीदें और चुनौतियां पिछले कार्यकाल में ग्राम पंचायत की निष्क्रियता ने जनता को निराश किया। विकास कार्यों में कमी और जनहित के मुद्दों पर ध्यान न दिए जाने से नगर की स्थिति जस की तस बनी रही। जनता का विश्वास बहाल करने और पवनी को विकास के पथ पर ले जाने के लिए इस बार जनता एक कुशल, ईमानदार और दूरदर्शी नेतृत्व चुनने संकल्पित है। एक नाम और जो सबके जुबान पर-महिला आरक्षण आने की स्थिति में सबसे प्रबल नाम मिथिला श्रीवास का है जो पूर्व में पवनी की जनपद सदस्य भी रह चुकी है और पवनी के प्रत्येक मुहल्ला से वाकिफ है नारी शशक्तिकरण में हमेशा अग्रणी भूमिका निभाने में अव्वल रहने के कारण भी महिलाओं की पहली पसंद है।