जांजगीर-चांपा जिले के नैला में स्वर्ण कमल पर विराजमान मां दुर्गा के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। इस बार यहां दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर की तर्ज पर 110 फीट ऊंचा भव्य प्रवेश द्वार बनाया गया है, जिसमें मां दुर्गा की 35 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है। शनिवार को नवरात्र के छठवें दिन यहां मां के कात्यायनी स्वरूप की पूजा-अर्चना पूरे भक्तिभाव के साथ की जा रही है।
नैला दुर्गोत्सव में न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि आसपास के राज्यों से भी लोग पहुंच रहे हैं। इस बार करीब 20 फीट व्यास वाले चांदी के छत्र के नीचे स्वर्ण कमल पर मां दुर्गा विराजमान हुई हैं। मां का श्रृंगार भी देखने लायक है। उन्हें असली हीरे-मोती और रत्नों से सजाया गया है। नैला स्टेशन की मां दुर्गा की प्रतिमा हर साल आकर्षण का केंद्र होती है। कोरोना महामारी के 2 साल बाद यहां भव्य तरीके से दुर्गा पूजा मनाई जा रही है। मां जिस स्वर्ण कमल में विराजमान हैं, उसका व्यास करीब 40 फीट है। इस पर सोने की परत चढ़ाई गई है।
इस बार स्वर्ण कमल, मां दुर्गा की प्रतिमा और दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर की तर्ज पर बना प्रवेश द्वार लोगों के आकर्षण का केंद्र है। यहां पंडाल भी बहुत भव्य बनाया गया है। स्वर्ण कमल को पश्चिम बंगाल के कारीगरों ने तैयार किया है। वहीं मां दुर्गा समेत अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भटगांव (बिलाईगढ़) के प्रसिद्ध मूर्तिकार प्रदीप देवांगन एवं उनके सहयोगी अनिल आदित्य, सुनील आदित्य, केशव प्रसाद देवांगन (के पी), डिंगू देवांगन, रामगोपाल आदित्य, चंद्रमणि विश्वकर्मा, दाता ठाकुर, राजेश केंवट, त्रिनाथ सिदार, लबिदास ने लगभग एक माह में तैयार की है।
बता दे कि मां दुर्गा की प्रतिमा के अगल-बगल मां लक्ष्मी और मां सरस्वती की प्रतिमाएं बनाई गई हैं। यहां श्रीगणेश और कार्तिकेय की भी लगभग 15-15 फीट ऊंची मूर्तियां स्थापित की गई हैं। वहीं पंडाल की लाइटिंग भी लोगों को खूब लुभा रही है।