पति की दीर्घायु की कामना में महिलाओं ने रखा करवा चौथ का व्रत…पूरे छत्तीसगढ़ सहित देवभोग क्षेत्र में पारंपरिक उत्साह के साथ मनाया गया पर्व…
देवभोग : शुक्रवार को पूरे देश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के देवभोग क्षेत्र में भी करवा चौथ का व्रत बड़े श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया गया। हिंदू धर्म में करवा चौथ को सौभाग्य और दांपत्य सुख का प्रतीक माना जाता है। विवाहित महिलाओं ने अपने पतियों की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और दांपत्य जीवन में खुशहाली की कामना के लिए यह पवित्र व्रत रखा। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। प्रातः काल से ही महिलाओं ने निर्जला व्रत की शुरुआत की और पूरे दिन जल तक ग्रहण नहीं किया। शाम होते ही महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में सजधजकर करवा माता की पूजा अर्चना में जुट गईं।पूजा के दौरान महिलाओं ने पूरे विधि-विधान से करवा माता, भगवान गणेश, और चंद्र देव का आह्वान कर करवा चौथ कथा का पाठ किया। कथा में वीरवती और उनके पति की अमर कथा सुनाई जाती है, जो इस व्रत के महत्व को दर्शाती है। चंद्रोदय के बाद महिलाओं ने छलनी से चंद्रमा के दर्शन किए और फिर अपने पतियों को देखकर उनके हाथों से जल ग्रहण कर व्रत का समापन किया। मान्यता है कि इस व्रत से पतियों की आयु में वृद्धि होती है और वैवाहिक जीवन में सुख, सौहार्द और समृद्धि बनी रहती है।
देवभोग क्षेत्र के मंदिरों, घरों और मोहल्लों में करवा चौथ की रौनक देखने लायक थी। महिलाओं के हाथों में सजी मेहंदी, पारंपरिक गीत, और चांद निकलने का इंतजार इस पर्व को और भी खास बना रहा था। गरियाबंद सहित ग्रामीण अंचलों में भी यह त्यौहार पूरे हर्षोल्लास और पारंपरिक उत्साह के साथ मनाया गया।