गिरीश सोनवानी
देवभोग : जीवात्मा को परमात्मा से जोड़ने का सशक्त माध्यम क्रियायोग है। आज यह उपदेश विश्व प्रसिद्ध क्रिया योगी स्वामी परमहंस आत्मानंद ने ध्यान एवम क्रियायोग शिविर में दिया। देवभोग स्थित क्रिया योग केंद्र में आज वार्षिक सम्मेलन का आयोजन किया गया था। उनके सैकड़ों अनुयायियों ने आज क्रियायोग कर शिविर की शुरुवात किया। मौजूद अनुयायियों को संबोधित करते हुए परमहंस आत्मानंद ने सुखी व सफल जीवन जीने के लिए क्रिया योग को एक मात्र माध्यम बताया।उन्होंने कहा की अध्यात्म के साथ ध्यान व महामुद्रा के जरिए मेरुदंड में स्थित सभी कुंडलियो को जागृत किया जाता है।जो तन मन स्वास्थ्य रखने के साथ ही आत्मा को परमात्मा से मिलाने का सफल माध्यम बनता है।परमहंस बोले की पूजन से मन को कुछ समय के लिए स्थिर रख सकते है पर पूजन के साथ ध्यान की कला क्रियायोग सिखाती है,इससे मन को लंबे समय के लिए स्थिर रखा जा सकता है।इस शिविर में 13 नए अनुयायियों को गुरु दीक्षा दिलाई गई,जो निरंतर क्रियायोग के मार्ग अपनाने का संकल्प लिया।आयोजन में भंडारे के माध्यम से भोग प्रसाद का वितरण किया गया।आयोजन में प्रमुख रूप से खिलावन पात्र, शरद तिवारी, अनिल बेहेरा, बसंत बेहेरा, देवेंद्र बेहेरा, अश्विन अवस्थी, लक्ष्मीनारायण तिवारी, विश्व बिहारी अवस्थी, बंसीधर सोनी, अमृत कश्यप, शेष नारायण पात्र, राजू अग्रवाल, चैतन्य पात्र, महेश अवस्थी, अंतर्यामी अवस्थी समेत देवभोग अंचल के अलवा ओडिसा प्रांत से भी दर्जनों अनुयायी शिविर में शामिल हुए।
जीवात्मा को परमात्मा से जोड़ने का सशक्त माध्यम है क्रियायोग : स्वामी परमहंस आत्मानंद…
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