छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर हिशा बघेल रविवार को अपने गांव बोरीगारका पहुंची। पिता की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए हिशा का भाई दुर्ग स्टेशन पहुंचकर बहन को गाड़ी बैठाकर लाया। और फिर पूरे गांव में रोड शो किया गया। इस दौरान ग्रामीणों ने भी उनका जोरदार स्वागत किया।
गाड़ी से उतरकर हिशा परेड करते हुए अपने घर की दहलीज पर पहुंचते ही मां से गले लगकर रोने लगी। पिता की फोटो पर माला चढ़ाकर उन्हें सैल्यूट किया। दरअसल हिशा के पिता ऑटो चालक थे, कैंसर की बीमारी से उनका निधन हो गया था। घर वालों ने पिता की मौत की खबर बेटी से छिपाकर रखी थी। जब हिशा अपने गांव पहुंची तब पता चला कि, उनके पिता इस दुनिया में नहीं हैं। हिशा के आंसुओं से घर के लोग दुखी न हो, इसलिए वह उसी तरह मुस्कुराती रहीं। उन्होंने अपने आंसुओं को रोकने के लिए काला चश्मा पहनी हुईं थीं, लेकिन अपनी मां को देखते ही वह रोने लगी। पूरे गांव वालों को पहले से पता था कि उनके गांव का नाम रोशन करने वाली बेटी हिशा बघेल 16 अप्रैल को दुर्ग आ रही हैं। इसलिए उन्होंने उसके स्वागत की तैयारी पहले से कर ली थी।
कई गाड़ियों के काफिले में सवार होकर हिशा का रोड शो निकला। पूरे रास्ते डीजे की धुन में लड़के लड़कियां नाचते रहे। गांव के बड़े बुजुर्गों ने उन्हें आशीर्वाद दिया। रोड शो के दौरान फूलों की बारिश की गई। कई घंटों तक रोड शो के बाद हिशा अपने घर पहुंची।
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बता दे कि हिशा बघेल का चयन भारतीय नौसेना में अग्निवीर के रूप में हुआ है। वो अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद पहली बार गांव लौटी हैं। उनके पिता मुस्कुराते हुए विदा किया था, लेकिन हिशा को यह नहीं पता था कि, वह अपने पिता को अंतिम बार देख रही हैं।
Courtesy : DB