बिलाईगढ़ में पराली जलाने पर सख्त प्रतिबंध…उल्लंघन पर होगी दंडात्मक कार्रवाई…
बिलाईगढ़ : अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बिलाईगढ़ द्वारा किसानों के हित एवं पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए पराली जलाने पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस संबंध में कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी (रा.) बिलाईगढ़, जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ (छत्तीसगढ़) से 19 दिसंबर 2025 को आदेश जारी किया गया है, जो तत्काल प्रभावशील हो गया है।जारी आदेश में उल्लेख किया गया है कि अनुविभाग बिलाईगढ़ क्षेत्र में यह देखा जा रहा है कि कई कृषक फसल कटाई के उपरांत खेतों में बचे फसल अवशेष (पराली) को जला रहे हैं। इससे वायु प्रदूषण में वृद्धि हो रही है, मिट्टी की उपजाऊ शक्ति और पोषक तत्व नष्ट हो रहे हैं तथा मानव स्वास्थ्य पर भी गंभीर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। पराली जलाने से वातावरण में जहरीली गैसों का उत्सर्जन होता है, जिससे सांस संबंधी बीमारियों, आंखों में जलन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
इन गंभीर परिणामों को देखते हुए प्रशासन ने पराली जलाने पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई कृषक इस आदेश की अवहेलना करता हुआ पाया जाता है, तो उसके विरुद्ध नियमानुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसमें जुर्माना एवं अन्य कानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जा सकती है।इस आदेश की प्रतिलिपि कलेक्टर,सारंगढ़-बिलाईगढ़ को सूचनार्थ भेजी गई है। साथ ही तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार बिलाईगढ़, भटगांव एवं सरसींवा को अपने-अपने क्षेत्रों में निगरानी रखने एवं आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे पराली जलाने के बजाय वैकल्पिक उपाय अपनाएं, जैसे पराली को खाद में बदलना या अन्य उपयोगी तरीकों से निपटान करना। इससे न केवल पर्यावरण की रक्षा होगी, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहेगी।

















