नगर पंचायत पवनी में 60 लाख रुपये की स्ट्रीट लाइट घोटाले का मामला गरमाया…ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष भागवत साहू बैठे धरने पर…
बिलाईगढ़ : नगर पंचायत पवनी में लगभग 60 लाख रुपये के कथित स्ट्रीट लाइट घोटाले को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। इस मुद्दे पर न्याय की मांग करते हुए ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भागवत साहू आज मंगलवार को नगर पंचायत कार्यालय के समक्ष धरने पर बैठ गए। उनका कहना है कि यह घोटाला केवल आर्थिक अनियमितता नहीं, बल्कि जनता के साथ विश्वासघात है, जिसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
धरना प्रदर्शन के दौरान श्री साहू ने कहा कि नगर पंचायत द्वारा स्ट्रीट लाइट लगाने के नाम पर लगभग 60 लाख रुपये की राशि व्यय दिखाई गई है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि या तो लाइटें लगी ही नहीं हैं, और जहां लगी हैं, वे या तो खराब हैं या फिर उपयोग में नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना किसी पारदर्शिता के यह पूरा काम ठेकेदारों से सांठगांठ कर के किया गया है और इस पूरे प्रकरण में नगर पंचायत के कुछ अधिकारियों की संलिप्तता भी संदेह के घेरे में है।
धरना स्थल पर बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता, स्थानीय ग्रामीण और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। लोगों ने भी अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि नगर पंचायत विकास कार्यों के नाम पर केवल कागजी कार्रवाई कर रही है, जबकि जनता मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रही है। कई स्थानीय निवासियों ने बताया कि रात के समय अंधेरे की वजह से दुर्घटनाएं होती हैं और असामाजिक तत्वों की गतिविधियों में बढ़ोतरी हो रही है। धरने के दौरान श्री साहू ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही मामले की निष्पक्ष जांच नहीं की गई और दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को लेकर उग्र आंदोलन छेड़ेगी। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई केवल एक पार्टी की नहीं, बल्कि क्षेत्र की जनता की आवाज है, जिसे दबाया नहीं जा सकता।
वही नगर पंचायत प्रशासन की ओर से इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि सूत्रों के अनुसार, जिला प्रशासन को पूरे मामले की जानकारी दे दी गई है और प्राथमिक स्तर पर जांच की प्रक्रिया प्रारंभ की जा सकती है।
इस पूरे घटनाक्रम ने स्थानीय राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। जहां एक ओर कांग्रेस पार्टी इसे भ्रष्टाचार का मुद्दा बना रही है, वहीं दूसरी ओर प्रशासन की चुप्पी से लोगों में नाराजगी बढ़ रही है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस पर क्या कदम उठाती है और क्या वाकई दोषियों को सजा दिलाई जा सकेगी।