छत्तीसगढ़ : राम अपराध कर बन जाता था लक्ष्मण…जुड़वा होने का फायदा उठाकर 9 साल तक बचता रहा ठग, आरोपी की सूचना पर पुलिस पहुंचती तो मिलता था भाई…

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छत्तीसगढ़ के भिलाई में पुलिस ने एक ऐसे ठग को गिरफ्तार किया है, जो पिछले 9 सालों से पुलिस को चकमा दे रहा था। पता चला है कि आरोपी जुड़वा होने का फायदा उठाकर यहां से वहां भाग जाया करता था। जब पुलिस उसे पकड़ने जाया करती थी। तब वो नहीं उसका जुड़वा भाई पकड़ में आया करता था, लेकिन आखिरकार पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है।

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पुलिस ने बताया कि आरोपी के साले के बयान के बाद आरोपी को पकड़ा गया है। दरअसल, ये मामला मितानिन के साथ लगभग 2 लाख रुपए की ठगी से जुड़ा है। इस मामले में मुख्य आरोपी राम सिंह पोरते अब गिरफ्तार कर लिया गया है। मामला पुलगांव थाना क्षेत्र का है। जानकारी के मुताबिक, राम सिंह ने मितानिन सुभद्रा से जड़ी बुटी और झाड़फूंक से बीमारी और भूत प्रेत की बाधा दूर करने का झांसा देकर लगभग 2 लाख रुपए की ठगी की थी।

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पीछेगांव निवासी 35 वर्षीय मितानिन सुभद्रा ने इस मामले में राम सिंह पोरते निवासी बोरी जिला राजनांदगांव, उसके साथी राजमल नेताम निवासी छेरीखेड़ा, सौरांग सिंह और राहुल के खिलाफ केस दर्ज कराया था। सुभद्रा ने बताया था कि जुलाई 2012 में आरोपियों से संपर्क हुआ था। आरोपियों ने उसकी बीमारी ठीक करने के नाम पर लाखों रुपए की जड़ी बुटी दी थी। लेकिन उससे कोई आराम नहीं मिला था। सुभद्रा ने बताया था कि आराम नहीं मिले पर जब आरोपियों से उसने संपर्क किया। तब वे भाग निकले थे। जिसके बाद से पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही थी। पुलिस ने 2012 से 2015 के बीच इस मामले में राजमल, राहुल और सौरांग सिंह को गिरफ्तार कर लिया था। मुख्य आरोपी राम सिंह फरार चल रहा था।

पुलिस ने कई बार उसके भिलाई इलाके के दिेए गए ठिकाने भाठेगांव में दबिश दी थी। हर बार पुलिस को उसका हमशक्ल भाई लक्ष्मण मिलता था, जबकि राम भी वहीं रहता था। पुलिस को लक्ष्मण भी राम का सही ठिकाना नहीं बताता था। पुलिस भी गलत आदमी को न गिरफ्तार कर ले, इसलिए रियायत बरतती थी।

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राम ने पुलिस को बताया कि एक बार उसने खुद को लक्ष्मण बताकर घर पहुंचे पुलिस वालों को गुमराह भी किया था। इसी बीच पुलिस का संपर्क राम के साले से हुआ। उसने पुलिस को राम सिंह का सही ठिकाना बताया और राम को राजनांदगांव के बोरी गांव से पकड़ लिया गया। पूछताछ में राम सिंह ने महिला के साथ ठगी करने की बात कबूल की है।

पुलिस की जांच में पता चला कि 2012 में बाकी तीनों आरोपी मास्टरमाइंड से मिले थे। चारों की मुलाकात भाठेगांव में हुई थी। तीनों आरोपी राम को अपना गुरु बताकर लोगों से मुलाकात करवाते थे। गिरोह के सदस्य सबसे पहले मितानिन के काका ससुर से मिले थे। जड़ी बुटी और झाड़ फूंक से बीमारी ठीक करने के नाम पर 30 हजार लिए थे। बीमारी में आराम होने के बाद मितानिन से मिले थे। आरोपी ने पहले उसे झांसा दिया था कि उसकी तबियत हमेशा खराब रहती है। उस पर भूत प्रेत और बाहरी हवा का साया है। जिसे सिर्फ गिरोह के मास्टरमाइंड और गुरु राम ही ठीक कर सकता है। इसके बाद तीनों आरोपियों ने मितानिन से अपने गुरु की मुलाकात कराई थी।

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आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया था कि राम से मिलकर चारों ने ठगी करने की पूरी प्लानिंग भाठेगांव में की थी। राम पहले अपने ससुराल भाठेगांव में ही रहता था। वह फेरी लगाकर जड़ी बूटी की दवाईयां बेचता था। चारों के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद पुलिस ने वर्ष 2012 से 2015 के बीच तीन आरोपी राजमल, सौरांग और राहुल को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था।

पुलिस के मुताबिक ठगी करने के बाद चारों आरोपी ने आपस में पैसे का बंटवारा करके अलग अलग हो गए थे। राम ने अपने हिस्से के पैसों से जड़ी बूटी खरीदकर डोंगरगढ़ समेत आस पास के इलाकों में फेरी लगाकर व्यवसाय करने लगा था।

 

 

सौजन्य : दैनिक भास्कर

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