वन विभाग की संयुक्त टीम ने जांचकर अवैध रूप से चालू 3 आरामिल को किया सील…

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वन विभाग की संयुक्त टीम ने जांचकर अवैध रूप से चालू 3 आरामिल को किया सील…

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सारगढ़ बिलाईगढ़ : वन विभाग की उड़नदस्ता दल एवं वनपरिक्षेत्राधिकारियों की संयुक्त टीम ने छत्तीसगढ़ काष्ठ चिरान (विनियमन) अधिनियम 1984 धारा की 12 (ख) के अंतर्गत विशेष अभियान चलाया। इस अभियान में सारगढ़ बिलाईगढ़ वनमण्डल अंतर्गत जिले की तीन आरामिल पर छापामार कार्रवाई की गई, जिनमें तीन आरामिल अवैध रूप से संचालित पाई गई, जिसे तत्काल प्रभाव से बंद कर सील किया गया। निरीक्षण के दौरान गोड़म स्थित लक्ष्मी सॉ मिल में पाया गया कि स्वामी रामलाल यादव की मृत्यु के बाद मिल का संचालन उत्तराधिकारियों द्वारा किया जा रहा था, जिसका नवीनीकरण समाप्त हो गया था किन्तु निर्धारित अवधि समाप्त होने के बावजूद इसका संचालन जारी था। इसी प्रकार पटेल सॉ मिल गोडम भी स्वामी गणेशलाल पटेल की मृत्यु के बाद उत्तराधिकारियों द्वारा अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था।इस मिल का भी नवीनीकरण समाप्त हो गया था, परन्तु अवधि समाप्त होने के बाद भी मिल चालू पाई गई। इसी क्रम में तोषराम पटेल आरामिल ग्राम अमलीपाली (बरमकेला) में निरीक्षण के दौरान यह तथ्य सामने आया कि आरामिल का संचालन बिना किसी वैध अनुमति एवं बिना लाईसेंस के किया जा रहा था। इस प्रकरण में छत्तीसगढ़ काष्ठ चिरान (विनियमन) अधिनियम, 1984 की धारा 6 (5) ग, 9, 12 (ड) का स्पष्ट उल्लंघन पाया गया।

आरामिल स्थापना और कानून : छत्तीसगढ़ काष्ठ चिरान (विनियमन) अधिनियम 1984 के प्रावधानों के अनुसार आरामिलों के संचालन केवल निर्धारित शर्तों लाईसेंस और समय-समय पर किए गए नवीनीकरण की अनुमति के अंतर्गत ही संभव है। अधिनियम 1984 की धारा 6 (5) ग, 9, 12(ख) 12 (ड) यह सुनिश्चित करती है कि अवैध संचालन की स्थिति में विभाग तत्काल कार्यवाही कर सके।

वन विभाग द्वारा आरामिलों का जांच अभियान : वन मंडलाधिकारी सारंगढ़ बिलाईगढ़ ने कहा कि वन विभाग द्वारा प्रदेश में अवैध आरामिलों एवं अवैध लकड़ी काराबोर के विरूद्ध लगातार सख्त अभियान जारी रहेगा। विभाग ने आम जनता एवं आरामिल संचालकों से अपील किया है कि वे केवल वैध अनुमति एवं नवीनीकरण के आधार पर ही आरामिल का संचालन करें। बिना अनुमति संचालन की स्थति में संबंधित पर सख्त दंडात्मक कार्यवाही की जावेगी। जिले की 2 आरामिले लाईसेंस की अवधि समाप्त होने के बाद और 1 आरामिल बिना किसी वैध अनुमति के अवैध रूप से चालू थी। तीनों मामलों में वनमडलाधिकारी सारंगढ़ के निर्देशानुसार उप वनमंडलाधिकारी सारंगढ़ सहित संयुक्त टीम द्वारा जारी कार्यवाही आदेशों के आधार पर तीनों आरामिलों को तत्काल प्रभाव से बंद कर सील कर दिया गया।

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