Exclusive : बाल साहित्य लेखन कार्यशाला में बिलाईगढ़ के शिक्षक विनोद डडसेना व लोकनाथ ताण्डेय को मिला स्थान…
बिलाईगढ़ : राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा रायपुर छत्तीसगढ़ द्वारा यूएसएआईडी व रूम टू रीड छत्तीसगढ़ के सहयोग से बाल साहित्य निर्माण के लिए तीन दिवसीय राज्य स्तरीय बाल साहित्य लेखन कार्यशाला का आयोजन 16 जनवरी से 18 जनवरी तक होटल ग्रैंड राजपूताना रायपुर में संपन्न हुआ।
मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रमुख रूप से दीपाली ,वंशिका ,प्रदीप मुकेश चौधरी ,रणधीर व सीमा सिंह रूम टू रीड उपस्थित रहे मास्टर ट्रेनरों ने बताया की बाल साहित्य लेखन का उद्देश्य वह बच्चों के भाषा संदर्भ में साहित्य का निर्माण करना उनकी संस्कृति परिवेश का समावेश होना है। कार्यशाला में बच्चों के बाल मनोविज्ञान को समझते हुए उनकी आवश्यकता अनुरूप साहित्य सृजन कर नई तकनीक की जानकारी देने के लिए राज्य के शासकीय विद्यालय में अध्यापन करने वाले शिक्षकों को आमंत्रित किया गया । बाल साहित्य एवं कविता कहानी पर बेहतरीन कार्य करने वाले सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले से विनोद कुमार डडसेना प्रधान पाठक शासकीय प्राथमिक शाला कारीपाट विकासखंड बिलाईगढ़ एवं लोकनाथ तांडेय सहायक शिक्षक शासकीय प्राथमिक शाला खुरसुला का नाम चयनित हुआ, जिसमें अपनी उत्कृष्ट लेखन का परिचय देते हुए कहानी लेखन कार्य किया जिसके समग्र शिक्षा रूम टू रीड एवं यूएसएआईडी के अधिकारियों ने इनके कहानियों की सराहना किये।
मास्टर ट्रेनों ने बताया कि बाल साहित्य के अंतर्गत कहानी लेखन हेतु भाषा शब्द संरचना तथा कहानी के पात्र ,विषय चयन ,चित्रकारी, मजेदार और रोचकता,कैसी होनी चाहिए ,आदि बिंदुओं की बारीकियो से जानकारी देकर साहित्य सृजन की विधाओं को बताया । कार्यशाला में हमें यह भी बताया गया कि बाल साहित्य में चित्रों का अपना अलग महत्वपूर्ण स्थान होता है बाल साहित्य में छपे हुए चित्रों को देखकर बच्चे स्वतः ही पढ़ने का प्रयास करते हैं ,पाठ में टेस्ट कम व चित्र अधिक होने से उनकी पढ़ने की जिज्ञासा अधिक बढ़ जाती है। बच्चों में पढ़ने की संस्कृति विकसित करने के लिए बाल साहित्य का अपना एक अलग स्थान है कार्यशाला में प्रतिभागियों को बच्चों के परिवेश व स्तर के अनुरूप कहानी निर्माण की सामूहिक समीक्षा की गई कहानी निर्माण में छोटे-छोटे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित कर बाल साहित्य हेतु कविता कहानी वह बिग बुक, वर्ड लेस बुक ,निर्माण के तरीका सिखाए गए।
कार्यशाला के अंतिम दिन डॉक्टर एम सुधीर सहायक संचालक समग्र शिक्षा रायपुर उपस्थित रहे उन्होंने सभी साहित्यकारों व लेखकों की कहानी की सराहना करते हुए कहा कि आप लोगों के द्वारा लिखित कहानी बच्चों तक पहुंच सके इसके लिए आप लोग अपनी कहानियों को तथा प्रतिभा को निखारते रहें।
कार्यशाला में प्रमुख प्रतिभागियों के रूप में विनोद कुमार डडसेना प्रधान पाठक ,लोकनाथ तांडेय सहायक शिक्षक, संतोष साहू, सुंदरलाल डडसेना, मिथिला जायसवाल, कृष्ण कुमार गुप्ता, परवीन बेबी दिवाकर ,योगेश्वरी तंबोली, अशोक कुमार यादव, ओम कुमारी पटेल, प्रीतम साहू ,वर्षा जैन, सुचित्रा सामंत ,दीपक कंवर ,उषाकोरी, संतोष कुमार कर्ष, कामिनी जोशी, खुशबू जैन ,डीजेंद्र कुर्रे ,राजेश पांडे, गौरीशंकर साहू, ज्योति गजपाल, अर्जुन धनंजय सिन्हा, गजानन प्रधान, वीरेंद्र कुमार साहू ,भारतीय साहू, सहित अन्य शिक्षक गण उपस्थित रहे।
बाल साहित्य लेखन कार्यशाला में अवसर प्रदान करने के लिए विनोद डडसेना प्रधान पाठक एवं लोकनाथ तांडेय सहायक शिक्षक ने डॉ एम सुधीर एवं टी सीसी जायसवाल समग्र शिक्षा व रूम टू रीड की टीम तथा एस एन भगत जिला शिक्षा अधिकारी सारंगढ़ बिलाईगढ़, एस एन साहू विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी बिलाईगढ़ ,डीपी सोनी,आर के भोई सहा. वि. शिक्षा अधिकारी बिलाईगढ़, एन आर रात्रे बीआरसी बिलाईगढ़ एवं संकुल प्राचार्य व समन्वयकों के प्रति आभार व्यक्त किए हैं।