Exclusive : 60 लाख की स्ट्रीट लाइट योजना 15 दिन में ठप…नगर पंचायत पवनी में लापरवाही या भ्रष्टाचार ?

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Exclusive : 60 लाख की स्ट्रीट लाइट योजना 15 दिन में ठप…नगर पंचायत पवनी में लापरवाही या भ्रष्टाचार ?

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बिलाईगढ़ : नगर पंचायत पवनी में शासन द्वारा स्वीकृत 60 लाख रुपये की लागत से हाल ही में लगाए गए स्ट्रीट लाइट सिस्टम के महज़ 15 दिनों में खराब हो जाने से आम नागरिकों में गहरा रोष व्याप्त है। यह योजना जो नगर के सौंदर्यीकरण, सुरक्षा और नागरिक सुविधा को ध्यान में रखते हुए क्रियान्वित की गई थी, अब भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का प्रतीक बनती जा रही है। खराब वायरिंग, जर्जर खंभे और जल चुकी फिटिंग्स इस महंगी योजना की असफलता की गवाही दे रहे हैं।

पवनी (बिलाईगढ़) : “लोकार्पण के बाद उपेक्षा का शिकार हुआ अटल परिसर : अंधेरे में डूबी मूर्ति, शराबियों का अड्डा बना श्रद्धा का स्थान”…

जनता का आक्रोश…विकास के नाम पर छलावा :- नगर के अटल चौक से नरसिंग घर तक, बस स्टैंड से मुनिचुवा तक एवम नहर पार से बजरंग बली मंदिर चौक तक लगाए गए सैकड़ों स्ट्रीट लाइट पोल अब खामोश पड़े हैं। रात के अंधेरे में डूबे मोहल्लों में असामाजिक तत्वों की सक्रियता बढ़ गई है, जिससे महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा पर खतरा मंडराने लगा है।

स्थानीय निवासियों ने बताया, “हमने जब देखा कि लाइटें लगाई जा रही हैं, तो हमें लगा कि अब पवनी भी रोशनी से जगमगाएगा। लेकिन 10 -15 दिन में ही सारी लाइटें बंद हो गईं। वायर जल चुका है, खंभों में जंग लग गया है। अब सवाल उठता है कि क्या 60 लाख रुपये इसी के लिए खर्च किए गए?”

खंभों में जंग, वायरिंग जल चुकी-गुणवत्ता पर बड़ा सवाल :- स्थानीय निरीक्षण में यह स्पष्ट रूप से देखा गया कि जिन खंभों पर स्ट्रीट लाइट लगाई गई थी, उनमें अधिकांश में जंग लग चुका है। वायरिंग की हालत इतनी खराब है कि जल चुके तार अब खुले में लटक रहे हैं, जिससे करंट लगने की संभावनाएं भी बनी हुई हैं।

जानकारों के मुताबिक, सही तरीके से किया गया वायरिंग और खंभों का पेंटिंग कार्य कम-से-कम 5 साल तक सुरक्षित रहता है। लेकिन यहां 15 दिन में ही सब कुछ खराब हो गया, जो सीधा-सीधा गुणवत्ता में भारी अनियमितता को दर्शाता है।

प्रशासन की चुप्पी और जिम्मेदारों की उदासीनता :- सबसे हैरानी की बात यह है कि इतनी बड़ी योजना की विफलता पर अब तक नगर पंचायत, जिला प्रशासन या संबंधित विभाग की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। न तो कोई तकनीकी जांच कराई गई है, न ही कार्य को अंजाम देने वाले ठेकेदार या एजेंसी से जवाब-तलब किया गया है।

शासन द्वारा जारी की गई राशि का हो रहा दुरुपयोग :- शासन द्वारा हर वर्ष नगर पंचायतों को विकास कार्यों के लिए करोड़ों की राशि दी जाती है। इन योजनाओं का उद्देश्य स्थानीय विकास, जन सुविधा और आधारभूत संरचना को मजबूत करना होता है। लेकिन जब योजनाएं इस तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती हैं, तो न सिर्फ जनधन की हानि होती है बल्कि जनता का प्रशासन पर से विश्वास भी टूटता है।

भ्रष्टाचार की आशंका : कौन है जिम्मेदार? :- इस पूरे मामले में स्थानीय जनता का आरोप है कि ठेकेदार, नगर पंचायत के कुछ अधिकारी और जनप्रतिनिधि मिलीभगत करके इस योजना में भ्रष्टाचार कर रहे हैं। योजना की निष्पक्ष तकनीकी जांच कराई जाए। संबंधित ठेकेदार और अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए। लोकायुक्त या आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) से जांच कराई जाए। नगर पंचायत पवनी के सभी विकास कार्यों का ऑडिट हो।

RTI से खुल सकते हैं राज :- कुछ जागरूक नागरिकों ने सूचना का अधिकार (RTI) के तहत इस परियोजना से संबंधित दस्तावेज मांगे हैं- जैसे कि कार्यादेश, लागत का विवरण, सामग्री की गुणवत्ता प्रमाणपत्र, भुगतान की रसीदें आदि। यदि ये दस्तावेज सार्वजनिक किए जाते हैं, तो इसमें शामिल अनियमितताओं की परतें खुल सकती हैं।

राजनीतिक चुप्पी भी सवालों के घेरे में :- स्थानीय विधायकों और पंचायत प्रतिनिधियों की चुप्पी भी संदेह को और गहरा करती है। एक ओर जहां वे चुनाव के समय जनता से वादे करते हैं, वहीं अब जनता की समस्याओं पर मौन साधे बैठे हैं।

जनता को चाहिए जवाबदेही और पारदर्शिता :- 60 लाख रुपये की इस परियोजना का इतना जल्दी विफल हो जाना केवल तकनीकी खामी नहीं, बल्कि एक गहरी प्रशासनिक और नैतिक विफलता है। शासन की योजनाएं जब धरातल पर ईमानदारी से नहीं उतरतीं, तो उनके उद्देश्य ही समाप्त हो जाते हैं। जनता अब सिर्फ अंधेरे से नहीं, बल्कि व्यवस्था की आंखों पर पड़ी पट्टी से भी लड़ रही है।

क्या कहता है कानून? :- छत्तीसगढ़ नगरपालिका अधिनियम और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत यदि कोई सरकारी परियोजना में जानबूझकर लापरवाही बरती जाती है या गुणवत्ता से समझौता होता है, तो संबंधित अधिकारियों और ठेकेदारों पर आपराधिक कार्रवाई की जा सकती है। यह मामला उस श्रेणी में आता है जहाँ FIR दर्ज कर जांच की जा सकती है।

आपकी आवाज जरूरी है ! :- यदि आप नगर पंचायत पवनी के निवासी हैं और आपके क्षेत्र में भी लाइटें खराब हैं या आपको भ्रष्टाचार से जुड़ी कोई जानकारी है, तो आप अपने नजदीकी जनप्रतिनिधि, पत्रकार या लोकायुक्त कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। आपकी जागरूकता ही प्रशासन को जवाबदेह बना सकती है।

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